Saturday, 14 December 2019

हरीश साल्वे की राय

भले ही मुसलमान को NRC होने से मुश्किल हो सकती है लेकिन CAA ठीक है।

देखें क्या कहा हरीश सालवे ने CAA के बारे में। मतलब कोर्ट में भी सरकार के हक में फैसला आएगा।
मतलब की सरकार सिर्फ हिंदू को नहीं देगी मुसलमान को छोड़ कर सब को देगी इसलिए ये कहना कि ये हिन्दू मुल्क बनेगा गलत है।
दूसरी बात कि कोर्ट का काम ये देखना नहीं है कि सरकार किस मुल्क को शामिल करें ये फैसला वो नहीं दे सकता।
बात है अकलियत की और जिन मुल्कों का नाम लिया गया है वहां वो अकलियत है कि नहीं, और  क्या सिर्फ एक ही अकलियत को चुना है तो जवाब है नहीं उस मुल्क कि ज्यादातर को चुना है।
इसके बाद सवाल है कि क्या ये मुल्क इस्लामिक मुल्क है कि नहीं तो जवाब है कि हां और जब जवाब हां है तो फिर कानून तो बनाया गया है।
 वहां के अकलियत के लिए तो ये कैसे आइन के खिलाफ हुआ।
एक और बात ये बनाया ही इसलिए गया है यहां से कम से काम लोगो को NRC होने पर बाहर करना पड़े।
भले ही मुसलमान को नुक्सान हो लेकिन ये बना है बाकी लोगों को यहां की शहरीयत मिल जाएगी।
फिर भी सब चंगा सी।


https://youtu.be/VgiFqMrCxPU

Tuesday, 10 December 2019

हिंदुस्तान के खिलाड़ी

आज के हिंदुस्तानी खेलारियों ने साबित कर दिया कि उनको सिर्फ नाम और पैसे से मतलब है, ऐसा लगता है कि उस को हिंदुस्तान से कोई मतलब नहीं है।

किस भी खेलरियों ने कुछ भी नहीं कहा क्यों की उनको पता है आज गलत को गलत कहने पर वो मुल्क के गद्दार समझे जाएंगे। 

सवाल ये है कि उन कि पहचान हिंदुस्तानी है और उस मुल्क की  पहचान है सभी मजहब कि इज्ज़त करने वाला समझा जाता था लेकिन अब ये नहीं रहने वाला है।

आज तक जितने भी खालारी है वो सब ऐसा लगता है उन को मुल्क के आइन से कोई मतलब ही नहीं है बस मैच के सुरु होने से पहले कौमी तराना पढ़ लिया और ज़िम्मेदारी ख़तम।

जब कोई खुद को ही बेहतर समझने लगे तब कहां उस को सही और ग़लत में ज्यादा फर्क नजर आएगा।

#RejectCAB #StopKillingIndiaIdeaoOfSecularlism

CAB हिंदुस्तान के लोगों के लिए अजाब होगा

जिस दौर में एजुकेशन सर्टिफिकेट आम नहीं हुआ हो और उस के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना  पड़ा है उस दौर में आम लोगों को बाप दादा के कागज दिखाने को कहा जाएगा।

जबकी तालीम का मयार जहां नाम लिखना है।

जहां आज भी 30%-40% लोग लिखना भी नहीं जानते हैं उस मुल्क में, #CAB लाया जा रहा है।

जिस मुल्क में वोटर कार्ड की जानकारी दुरुस्त करवाने में सालों लगते हो, वहां #CAB लाया जा रहा है।

जिस मुल्क में आज भी लोगों को बुनियादी कागज बनाने महीनों लगते हैं, वहां #CAB लाया जा रहा।

जिस मुल्क में आज भी एटीएम से पैसा निकालने में दूसरे की मदद लेते हैं, उस मुल्क में #CAB लाया जा रहा है।

जिस मुल्क में पैसा निकालने के लिए आज भी पर्चा दूसरों से भरवाया जाता है, वहां #CAB लाया जा रहा है।

जिस मुल्क में आज भी 10,000/- से जायदा आदिवासी को अपने हक की बात कहने के लिए मुल्क के गद्दारी वाला मुकदमा कर दिया जाता है, वहां #CAB लाया जा रहा है।

जिस मुल्क में 10वी तक 30% बच्चे ही पहुंचते है, वहां #CAB लाया जा रहा है। 


Monday, 9 December 2019

झूठ के उस्ताद

जिन को तवारिख का इल्म नहीं वो भी उस्ताद हो गए हैं तावरीख में।

जब हिंदुस्तान आजाद ही 15 अगस्त 1947 को हुआ और पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 तो कौन बताए कि इस बटवारा की बुनियाद किस ने रखी थी। 1947 में बांग्लादेश तो बना भी नहीं था तब उसकी आबादी कैसे हिंदुस्तान से अलग होई कैसे कह सकते हैं।

जिन को खुद का पता नहीं वही दूसरे को पता बताते हैं।
मुसलमान एक ऐसी चीज़ है जिसको सायासी पार्टी अपनी नाकामी और ना अहली छिपाने के लिए हर जगह इस्तेमाल करती है, और उससे बढ़ कर वोटर है जो उस बात को जो सयासी पार्टी बताती है को सच मान लेते हैं।

आज के है जनसत्ता में छपा कि सबसे पहले बटवारे की बात किस ने कि थी। इस खबर के मोताबिक जिन्ना के सर जो आज तक लोग बटवारा की वजह तावरिख के ना समझने वाले कहते थे, उन के लिए ये खबर है जिस की तस्दीक आसानी से कि जा सकती है, अगर करना चाहें तो लेकिन करेंगे नहीं ये भी तय है।

अब आते है #CAB2019 पर पहले आसाम में रहने वाले जरा बिहारी, और बंगाली (पश्चिमी बंगाल) से बसे हुए लोगों का कैसे हिंदुस्तानी शाबित करेंगे। जब की उन के खानदान वालों की पहली पसंद है एक ऐसी पार्टी है जो ये के कर आए हैं। वो कैसे साबित करेंगे कि वो हिंदुस्तानी हैं। कैसे वो बताएंगे की #अफगानिस्तान, #पाकिस्तान, और #बांग्लादेश से आएं है।
ऐसे लोगों की तादाद लगभग 12 लाख है।

जब भी किसी मुसीबत के बारे में कोई आप को बताया जाता है तो उन को लगता है अभी ठीक है तो कल कैसे खराब हो जाएगा, लेकिन जब वहीं बात होती है तो कहते हैं काश कोई बचा लेता तो। ऐसे लोगों को कभी समझ नहीं आ सकता है इसलिए उनको समझाया नहीं जा सकता, तब करना ये चाहिए की जो समझ रहें है उन को साथ ले कर कोई तहरीक चलाए जाएं।

सबसे जरूरी है कि तालीम बेदारी लाए जाइए, बिना इस के कुछ भी हासिल नहीं होगा।

आज मुसलमान को भागने की सोच रखने वाले कल जब तुम्हारा नंबर आएगा तो कोई तुम को नहीं बचाएगा।

https://www.jansatta.com/national/vinayak-damodar-savarkar-formulated-the-two-nation-theory-16-years-before-mohammed-ali-jinnah-proposed-the-same-idea/1247874/




शहरियात कानून 2019

जो लोग बाबा साहेब को नहीं मानता वो उस के मानने वालों को कैसे छोड़ देगा। नंबर तो तुम्हारा है बाकी मिया का क्या है वो तो पहले भी मारा हुआ था।

जिन को नोट बंदी और gst में रोजगार दिखाए दिया था और सरकार के आने से गरीबी ख़तम हो गए है उन को तो अब खाने को मिल रहा है कि सोचना चाहिए।

आज जब सरकारी कंपनी पर वो भी जिस का प्राइवेटाइजेन हो रहा है बस यूं को है आफत दिख रही है जैसे इस सरकार के आने के बाद सबसे ज्यादा खुश जो हुआ था वो था सरकारी नौकर, आज जब मार पर रही है तो कोई मदद को नहीं मिल रहा वैसे ही कल सब का हाल होना है जब तक कि सरकार के गलत नीति के खिलाफ नहीं बोले तो यही सब होगा।

नेता का क्या है जो आज एक पार्टी में है कल दूसरे में चल देंगे झलेंगे तो आम आदमी।
#RejectCAB2019 #NoToCAB





Saturday, 7 December 2019

समाज ही मर गया है

            (फोट सतीश आचार्य के पेज से लिया गया )          

लोग मेरे हुए है।
तब ही तो इतनी तबाही है। जब तक समाज में रहने वालों कि सोच नहीं बदलेगी तब तक कुछ हासिल नहीं होगा। जब लोग मुफ्त में पानी पीने के लिए रखे गिलास भी चोरी कर लेते हैं तो वो समाज कैसा होगा, जहां सरकारी दफ्तर, बैंक और दुकान पर भी 2 रुपए की क़लम को बांध कर रखा जाता है वहां हम क्या ईमानदारी की बात करें।

जिस समाज के लोग ये जानते हुए भी उनके लड़के में सलाहियत नहीं है तब भी वो उसको पैसे, और तालुकात की बिना पर ओहदा दिलवाते हो वो किस मुंह से सलाहियत की बात करता है।

जिस समाज में लोग जात, ज़बान, इलाका और मजहब से ऊपर उठ कर नहीं सोच सकते हो वो किस मुंह से बराबरी और भाई चारे की बात करता है।

जिस समाज में लोग हर लड़की को हवस की नज़रों से देखता हो वो किस मुंह से बेटी, बहन की इज्ज़त की हिफाजत करने की बात करता है।

जिस समाज में लोग किसी को खून ना देते हैं लेकिन जब खुद के या किस करीब वाले को जरूरत होती है उस समाज से किस बात की उम्मीद करते हैं कि वो दूसरे के बच्चों के दावा की कमी से और सरकारी अस्पतालों की कमी के लिए कोई एहतजाज करेगा।

जिस समाज में पैसा ही सब कुछ है उस समाज के लोगों से कोई कैसे उम्मीद करता है वो सलाहियत की क़दर करेगा।

जिस समाज में लोग वेटिंग टिकट पर सफर करना हक समझते हो वहां रिजर्वेशन का मतलब समझेंगे उम्मीद करना भी अपने आप में एक बड़ा मजाक है।

आखिर में जब तक लोग तालीम और डिग्री का फर्क नहीं समझेंगे तब तक समाज अच्छा नहीं हो सकता।

Friday, 6 December 2019

हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर और समाज

जो समाज के लोग घूस देते है अपने से काबिल इंसान की जगह अपना काम करवाने के लिए, जो लोग गरीबों के लिए कभी ना खरा होता है जो समाज किसान के लिए कभी बोला ना हो जो समाज पैसे कि वजह से बच्चों के मरने पर भी मारने वाली पार्टी को जिताया हो, जो समाज मासूम बच्चों से घर में गुलामों के जैसे काम करवाता हो और अनगिनत इस तरह के समाज में गलत पर चुप हो वो पुलिस के एनकाउंटर पर खुश है 

सवाल दूसरा भी है कि आखिर पुलिस के इस काम के बाद समाज में को जोश और अदालत को दूसरे दर्जे में रख रहे हैं क्या ये सच है तो बेटी, बहन की इज्ज़त इतनी बर्बाद कैसे हो रही है।

जब पुलिस कि गाड़ी और पुलिस थाने में बेटियों की इज्ज़त बर्बाद होती है तो तब कितने लोग इस गुनाह की सजा दिलाने में आगे आते हैं।

जो समाज रोड पर हादसे में गिरे इंसान को हस्पताल पहुंचा नहीं पाते और वीडियो बनाते रहते है वो भी पुलिस के एनकाउंटर पर खुश हो रहे हैं।

हरीश साल्वे की राय

भले ही मुसलमान को NRC होने से मुश्किल हो सकती है लेकिन CAA ठीक है। देखें क्या कहा हरीश सालवे ने CAA के बारे में। मतलब कोर्ट में भी सरकार के ...