जिन को तवारिख का इल्म नहीं वो भी उस्ताद हो गए हैं तावरीख में।
जब हिंदुस्तान आजाद ही 15 अगस्त 1947 को हुआ और पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 तो कौन बताए कि इस बटवारा की बुनियाद किस ने रखी थी। 1947 में बांग्लादेश तो बना भी नहीं था तब उसकी आबादी कैसे हिंदुस्तान से अलग होई कैसे कह सकते हैं।
जिन को खुद का पता नहीं वही दूसरे को पता बताते हैं।
मुसलमान एक ऐसी चीज़ है जिसको सायासी पार्टी अपनी नाकामी और ना अहली छिपाने के लिए हर जगह इस्तेमाल करती है, और उससे बढ़ कर वोटर है जो उस बात को जो सयासी पार्टी बताती है को सच मान लेते हैं।
आज के है जनसत्ता में छपा कि सबसे पहले बटवारे की बात किस ने कि थी। इस खबर के मोताबिक जिन्ना के सर जो आज तक लोग बटवारा की वजह तावरिख के ना समझने वाले कहते थे, उन के लिए ये खबर है जिस की तस्दीक आसानी से कि जा सकती है, अगर करना चाहें तो लेकिन करेंगे नहीं ये भी तय है।
अब आते है #CAB2019 पर पहले आसाम में रहने वाले जरा बिहारी, और बंगाली (पश्चिमी बंगाल) से बसे हुए लोगों का कैसे हिंदुस्तानी शाबित करेंगे। जब की उन के खानदान वालों की पहली पसंद है एक ऐसी पार्टी है जो ये के कर आए हैं। वो कैसे साबित करेंगे कि वो हिंदुस्तानी हैं। कैसे वो बताएंगे की #अफगानिस्तान, #पाकिस्तान, और #बांग्लादेश से आएं है।
ऐसे लोगों की तादाद लगभग 12 लाख है।
जब भी किसी मुसीबत के बारे में कोई आप को बताया जाता है तो उन को लगता है अभी ठीक है तो कल कैसे खराब हो जाएगा, लेकिन जब वहीं बात होती है तो कहते हैं काश कोई बचा लेता तो। ऐसे लोगों को कभी समझ नहीं आ सकता है इसलिए उनको समझाया नहीं जा सकता, तब करना ये चाहिए की जो समझ रहें है उन को साथ ले कर कोई तहरीक चलाए जाएं।
सबसे जरूरी है कि तालीम बेदारी लाए जाइए, बिना इस के कुछ भी हासिल नहीं होगा।
आज मुसलमान को भागने की सोच रखने वाले कल जब तुम्हारा नंबर आएगा तो कोई तुम को नहीं बचाएगा।
https://www.jansatta.com/national/vinayak-damodar-savarkar-formulated-the-two-nation-theory-16-years-before-mohammed-ali-jinnah-proposed-the-same-idea/1247874/
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