Saturday, 14 December 2019
हरीश साल्वे की राय
Tuesday, 10 December 2019
हिंदुस्तान के खिलाड़ी
CAB हिंदुस्तान के लोगों के लिए अजाब होगा
जिस दौर में एजुकेशन सर्टिफिकेट आम नहीं हुआ हो और उस के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा है उस दौर में आम लोगों को बाप दादा के कागज दिखाने को कहा जाएगा।
जबकी तालीम का मयार जहां नाम लिखना है।
जहां आज भी 30%-40% लोग लिखना भी नहीं जानते हैं उस मुल्क में, #CAB लाया जा रहा है।
जिस मुल्क में वोटर कार्ड की जानकारी दुरुस्त करवाने में सालों लगते हो, वहां #CAB लाया जा रहा है।
जिस मुल्क में आज भी लोगों को बुनियादी कागज बनाने महीनों लगते हैं, वहां #CAB लाया जा रहा।
जिस मुल्क में आज भी एटीएम से पैसा निकालने में दूसरे की मदद लेते हैं, उस मुल्क में #CAB लाया जा रहा है।
जिस मुल्क में पैसा निकालने के लिए आज भी पर्चा दूसरों से भरवाया जाता है, वहां #CAB लाया जा रहा है।
जिस मुल्क में आज भी 10,000/- से जायदा आदिवासी को अपने हक की बात कहने के लिए मुल्क के गद्दारी वाला मुकदमा कर दिया जाता है, वहां #CAB लाया जा रहा है।
जिस मुल्क में 10वी तक 30% बच्चे ही पहुंचते है, वहां #CAB लाया जा रहा है।
Monday, 9 December 2019
झूठ के उस्ताद
जिन को तवारिख का इल्म नहीं वो भी उस्ताद हो गए हैं तावरीख में।
जब हिंदुस्तान आजाद ही 15 अगस्त 1947 को हुआ और पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 तो कौन बताए कि इस बटवारा की बुनियाद किस ने रखी थी। 1947 में बांग्लादेश तो बना भी नहीं था तब उसकी आबादी कैसे हिंदुस्तान से अलग होई कैसे कह सकते हैं।
जिन को खुद का पता नहीं वही दूसरे को पता बताते हैं।
मुसलमान एक ऐसी चीज़ है जिसको सायासी पार्टी अपनी नाकामी और ना अहली छिपाने के लिए हर जगह इस्तेमाल करती है, और उससे बढ़ कर वोटर है जो उस बात को जो सयासी पार्टी बताती है को सच मान लेते हैं।
आज के है जनसत्ता में छपा कि सबसे पहले बटवारे की बात किस ने कि थी। इस खबर के मोताबिक जिन्ना के सर जो आज तक लोग बटवारा की वजह तावरिख के ना समझने वाले कहते थे, उन के लिए ये खबर है जिस की तस्दीक आसानी से कि जा सकती है, अगर करना चाहें तो लेकिन करेंगे नहीं ये भी तय है।
अब आते है #CAB2019 पर पहले आसाम में रहने वाले जरा बिहारी, और बंगाली (पश्चिमी बंगाल) से बसे हुए लोगों का कैसे हिंदुस्तानी शाबित करेंगे। जब की उन के खानदान वालों की पहली पसंद है एक ऐसी पार्टी है जो ये के कर आए हैं। वो कैसे साबित करेंगे कि वो हिंदुस्तानी हैं। कैसे वो बताएंगे की #अफगानिस्तान, #पाकिस्तान, और #बांग्लादेश से आएं है।
ऐसे लोगों की तादाद लगभग 12 लाख है।
जब भी किसी मुसीबत के बारे में कोई आप को बताया जाता है तो उन को लगता है अभी ठीक है तो कल कैसे खराब हो जाएगा, लेकिन जब वहीं बात होती है तो कहते हैं काश कोई बचा लेता तो। ऐसे लोगों को कभी समझ नहीं आ सकता है इसलिए उनको समझाया नहीं जा सकता, तब करना ये चाहिए की जो समझ रहें है उन को साथ ले कर कोई तहरीक चलाए जाएं।
सबसे जरूरी है कि तालीम बेदारी लाए जाइए, बिना इस के कुछ भी हासिल नहीं होगा।
आज मुसलमान को भागने की सोच रखने वाले कल जब तुम्हारा नंबर आएगा तो कोई तुम को नहीं बचाएगा।
https://www.jansatta.com/national/vinayak-damodar-savarkar-formulated-the-two-nation-theory-16-years-before-mohammed-ali-jinnah-proposed-the-same-idea/1247874/
शहरियात कानून 2019
जो लोग बाबा साहेब को नहीं मानता वो उस के मानने वालों को कैसे छोड़ देगा। नंबर तो तुम्हारा है बाकी मिया का क्या है वो तो पहले भी मारा हुआ था।
जिन को नोट बंदी और gst में रोजगार दिखाए दिया था और सरकार के आने से गरीबी ख़तम हो गए है उन को तो अब खाने को मिल रहा है कि सोचना चाहिए।
आज जब सरकारी कंपनी पर वो भी जिस का प्राइवेटाइजेन हो रहा है बस यूं को है आफत दिख रही है जैसे इस सरकार के आने के बाद सबसे ज्यादा खुश जो हुआ था वो था सरकारी नौकर, आज जब मार पर रही है तो कोई मदद को नहीं मिल रहा वैसे ही कल सब का हाल होना है जब तक कि सरकार के गलत नीति के खिलाफ नहीं बोले तो यही सब होगा।
नेता का क्या है जो आज एक पार्टी में है कल दूसरे में चल देंगे झलेंगे तो आम आदमी।
#RejectCAB2019 #NoToCAB
Saturday, 7 December 2019
समाज ही मर गया है
Friday, 6 December 2019
हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर और समाज
Thursday, 5 December 2019
सहरियत तरमीम कानून 2019
ये है हिंदुस्तान की प्रस्तावना।
हम भारत के लोग,भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व- समपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के लिए तथा उस के समस्त नागरिकों को,
सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्यय,
विचार अभिव्यक्ति, विश्वास,
धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समाता प्राप्त करने के लिए,
तथा उन सब में,
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र
एकता सुनश्चित करने वाली बंधूता
बढ़ाने के लिए
दृढ़ संकल्प हो कर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख
26 नवंबर 1949 ई° को (मिती मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छ वित्रीमी) को ए त द द्वार इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियामित और आत्मा प्रमित करते हैं।
किसी भी मुल्क की बुनियाद होती है उस का आइन। वो एक ऐसा दस्तावेज होता है जिस के जरिए वो मुल्क चलता है। जिस मुल्क में उस के आइन पर अमल नहीं होता है वहां के आवाम ना सिर्फ एक दूसरे से नफरत करते है बल्कि तरक्की तो दूर जो उसके पास होता है वो भी ख़तम हो जाता है, सबसे पहले जो चीज होती है वो है कानून के खिलाफ चलना, उस के बाद आता है लूट मार होना वगैरह।
आज जब टीवी पर न्यूज एंकर संविधान की बात करने के लिए डिबेट करते हैं तो ऐसा लगता है कि मुसलमान एक ऐसा मजहब है जो दुनिया में हो रही तमाम आफतों को पैदा किया है लेकिन वो भूल जाता है कि,
1. दुनिया में पहला world war जिस मुल्क की वजह से शुरू हुआ वो कोई मुस्लिम मुल्क नहीं था।
2. दूसरा world war जिस मुल्क ने शुरू किया वो भी मुस्लिम मुल्क नहीं था
3. जापान पर को न्यूक्लिअर बम गिरने वाला मुल्क भी मुस्लिम मुल्क या मुसलमान नहीं था।
4. वो ये भूल जाता है हिंदुस्तान के दोनों वज़ीर आजम को मारने वाला भी मुसलमान नहीं था।
5. वो ये भूल जाता है पंजाब के वज़ीर आला के कातिल कौन थे।
6. वो ये भूल जाते हैं #गांधी_जी को मारने के बाद जो अफवाह उरई वो थी की मारने वाला मुस्लिम है, लेकिन हकीकत दुनिया जानती है कि वो कौन था।
7. वो ये भूल जाते है कि हिंदुस्तान सिर्फ कश्मीर है आतंक वाद से परेशान नहीं है बल्कि झारखंड, आसाम, ओडिसा, छत्तीसगढ़ नागालैंड, पछमी बंगाल, और मणिपुर वगैरह में जो है उस को नक्सलवाद कहते हैं और उस को करने वाले किस मजहब को मानते हैं।
मजहब किसी को भी मुश्किल में डालने के लिए नहीं बना है चाहे वो किसी भी मजहब को मानता हो, हर मजहब में एक बात है जो है की दुनिया में जो भी है उस की इज्ज़त करें।
#इस्लाम में तो ये कहां गया है कि अगर कोई एक बे गुनाह का क़त्ल करता है तो ऐसा है कि उसने पूरी इंसानियत का क़त्ल किया।
इस्लाम में एक और बात कही गई है कि अगर आप का पड़ोसी आप से परेशान है तो आप की कोई इबादत अल्लाह को काबुल नहीं होगी।
जब आप का नजरिया तंग होगा तो आप हर उस को गलत समझेंगे जो आप से एतफाक़ नहीं रखता होगा।
अगर आप हकीकत में अपने मुल्क से मुहब्बत करते हैं तो आइन की भी क़दर करें, और उस आइन की रूह ही है एक ऐसा मुल्क जहां सब कि लिए जगह है बिना किसी मजहब, जात, रंग, ज़बान और हैसियत के।
#शहरियत कानून में जो तरमीम किया जा रहा है वो इस मुल्क के आइन के खिलाफ है बाकी जब आप के पास मेंबर ज्यादा होते हैं तो आप मनमानी तो करेंगे ही। सवाल ये है कि को पार्टी मुल्क के आइन की बात करते हैं वो कितना इस मुल्क की आइन की खिलाफवर्जी पर ना सिर्फ सवाल उठाते है बल्कि संसद से बाहर एहताजाज करते हैं।
#Note- कॉमेंट में देखें कैसे कैसे कॉमेंट आते हैं।
जय हिन्द।। हिंदुस्तान ज़िंदाबाद।।
#RethinkOnCAB #SaveConstitution
Monday, 11 March 2019
जब पहली बार किसी हिन्दुस्तानी ने डाला था वोट.
#Copied from fb post of Kumud Singh.
https://www.facebook.com/PageKhalid/
हरीश साल्वे की राय
भले ही मुसलमान को NRC होने से मुश्किल हो सकती है लेकिन CAA ठीक है। देखें क्या कहा हरीश सालवे ने CAA के बारे में। मतलब कोर्ट में भी सरकार के ...